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लेखनी प्रतियोगिता खत -07-Jan-2022

कोई जमाना था जब 

उनके हाथों से लिखे खत 
हमें पढ़ने को मिलते थे ।
उनके दिल के हाल 
हमारे दिल के हाल से कितने मिलते थे ।
खत का एक एक शब्द 
हाल ए दिल बयां करता था
उनकी खूबसूरत लिखावट से 
दिल बाग बाग हुआ करता था
जितनी हसीन वो थीं 
उससे भी हसीन उनकी लिखावट थी
खत का हर अक्षर बड़ा ही 
सलीके से जड़ा रहता था । 
उस खत से उनके गोरे हाथों की
भीनी भीनी महक आती थी 
जो प्यार के अथाह सागर में 
गहरे तक डुबो जाती थी 
वो खत में बने लिपिस्टिक के निशान भी
क्या गजब ढ़ाते थे 
अपने अधरों को उससे छुआ कर 
हम स्वर्गिक आनंद पाते थे । 
अब ना वो खत रहे और ना ही वो वक्त
इस मोबाइल ने सब छीन लिया 
वो हस्तलिखित खत का इंतजार 
जैसे कि एक एक दिन में सौ बार जी लिया । 
आज फिर से एक खत लिखने की तमन्ना हुई है
वो सोयी सोयी सी दास्तां फिर से जवां हुई है 
दिल के जजबातों को एक जुबान दें 
इस प्यार को एक नया मुकाम दें 

हरिशंकर गोयल "हरि"
16.12.21 

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18 Comments

Ravi Goyal

08-Jan-2022 09:07 AM

वाह बहुत खूबसूरत रचना 👌👌

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Hari Shanker Goyal "Hari"

08-Jan-2022 10:26 AM

धन्यवाद जी

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Punam verma

08-Jan-2022 08:49 AM

Nice

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Hari Shanker Goyal "Hari"

08-Jan-2022 10:25 AM

धन्यवाद जी

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Niraj Pandey

08-Jan-2022 12:19 AM

बहुत ही बेहतरीन

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Hari Shanker Goyal "Hari"

08-Jan-2022 12:21 AM

धन्यवाद जी

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